अजीत यादव
मुंगेली बस्तर के माटी / हर जरुरतमंदों और गरीबों का एक सपना होता हैं कि उनका स्वयं का एक अच्छा, सुविधानुसार मकान हो, स्वयं का मकान होने का सपना देखने वालों को भूमाफियाओं और जमीन दलालों ने लूटने के अलावा कुछ नहीं किया है। इन भूमाफियाओं और जमीन दलालों के द्वारा जमीन खरीदने वालों को कम कीमत पर प्लाट देने का लालच देकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है और ग्राहक भी जानकारी व नियम कायदे के अभाव में इन भू माफियाओं के चंगुल में लगातार फंसता जा रहा है। मुंगेली जिले के हर दिशाओं में अवैध प्लाटिंग का जाल फैला हुआ है। मुंगेलीवासियों की माने तो मुंगेली जिला प्रशासन के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण व सांठगांठ से ही मुंगेली में अवैध प्लाटिंग का कारोबार बड़े पैमाने पर फलफूल रहा है। तभी तो जिला बनने के बाद से अवैध प्लाटिंग के इस गोरखाधंधे पर कोई कठोर व कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है। मुंगेली में चल रहे अवैध प्लाटिंग के खेल में राजनीतिक भूमाफियाओं जनप्रतिनिधियों नेताओं सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत स्वाभाविक है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि मुंगेली को जिला बने 11 वर्षों से अधिक हो गये है और अवैध प्लाटिंग पर शिकायत होने के बाद कार्यवाही केवल खानापूर्ति स्वरूप होती आई है, जिससे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं की जेबें ही भरी हैं।
अभी हाल ही मुंगेली के कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर शहरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी, बकायदा एसडीएम ने कई चिन्हांकित खसरा नम्बर पर रजिस्ट्री रोकने लिखित आदेश भी जारी किया गया था, जिसके चलते भूमाफियाओं और जमीन दलालों की नींदें उड़ गई थी।
जानकारी के मुताबिक मुंगेली एसडीएम ने दिनांक 29/11/2022 को ग्रामीण क्षेत्रों के खसरा नम्बर सहित करीब 64 प्लॉटों, दिनांक 25/01/2023 को खसरा नम्बर सहित करीब 11 प्लॉटों, दिनांक 01/02/2023 को शहरीय क्षेत्र के खसरा नम्बर सहित करीब 03 प्लॉटों और दिनांक 10/02/2023 को ग्रामीण क्षेत्रों के खसरा नम्बर सहित करीब 10 प्लॉटों के संबंध में जिला पंजीयक व उप पंजीयक मुंगेली को ज्ञापन प्रेषित कर हो रहे अवैध प्लाटिंग की भूमियों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने आदेश जारी किया गया था। एसडीएम के इन आदेशों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के अवैध प्लाटिंग हैं, जानकारी के मुताबिक इन आदेशों में एक आदेश नगरीय क्षेत्र का हैं जो रायपुर रोड में खड़खड़िया नाला से कुछ दूरी पर स्थित हैं, जो मुंगेली के बड़े राजनीतिक और व्यवसायी भूमाफिया का बताया जा रहा हैं, हालांकि ये भूमाफिया पर्दे के पीछे रहकर किसी दूसरे के माध्यम और नाम से इस अवैध प्लाटिंग का कारोबार करते हैं। हाल ही में मुंगेली में एक बड़ा आयोजन होना था, जिसके चलते मुख्यमंत्री का आना भी तय हुआ, जिसके चलते फंडिंग की व्यवस्था को लेकर कई बातें चर्चा में थी, उसके बाद अचानक कई महीनों से अवैध प्लाटिंग में बंद रजिस्ट्री शुरू हो गई और वह भी केवल शहरीय क्षेत्र की, और केवल राजनीतिक और व्यावसायिक भूमाफियाओं से जुड़े इन भूमाफियाओं के जमीनों की।
अब आपको एसडीएम द्वारा जारी आदेश से पूरा मामला समझाते हैं। दिनांक 01/02/2023 को मुंगेली अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय के पत्र क्रमांक/1937/रीडर-1/अ0वि0अ0/2023 के ज्ञापन में एसडीएम ने मुंगेली के जिला पंजीयक और उप पंजीयक को ग्राम मुंगेली अंतर्गत अवैध प्लाटिंग की भूमियों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाये जाने निर्देश दिया, उक्त ज्ञापन, निर्देश में एसडीएम ने लिखा कि अनुविभाग मुंगेली अंतर्गत आम जनता के द्वारा लगातार अवैध प्लाटिंग के संबंध में मौखिक तथा लिखित सूचना प्राप्त हो रही थी। जिसके संबंध में हल्का पटवारी के माध्यम से उनके हल्के संबंधित भूमियों में अवैध प्लाटिंग की जानकारी मंगायी गयी। हल्का पटवारी प्र.ह.नं. 29 द्वारा ग्राम मुंगेली स्थित भूमि ख.नं. 175/1, 176/2, 179/1 रकबा के 0.741, 0.194, 1.011 हे. की अवैध प्लाटिंग संबंधी जानकारी सूची के माध्यम से दी गई। अतः उक्त संबंध में ऊपर वर्णित भूमियों की क्रय-विक्रय की कार्यवाही आगामी आदेश तक नहीं किया जावे। इसके बाद दिनांक 13/04/2023 को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुंगेली के ज्ञापन क्रमांक/2285/अ0वि0अ0/रीडर-1/2023 को ग्राम मुंगेली अंतर्गत अवैध प्लाटिंग की भूमियों के क्रय-विक्रय के पूर्व में जारी रोक के संबंध में निर्देश देते हुए एवं संदर्भ 1. इस न्यायालय का पत्र क्र/1501 / रीडर- 1/अ.वि.अ./2022 मुंगेली, दिनांक 29.11/2022.
2 इस न्यायालय का पत्र क्र./1937/ रीडर-1/अ.वि.अ./2023 मुंगेली, दिनांक 01.02.2023 के अनुसार कहा गया कि संदर्भित पत्र अवलोकन करने का कष्ट करें। जिसमें हल्का पटवारियों से प्राप्त अवैध प्लाटिंग की सूचना के आधार पर ग्राम मुंगेली स्थित अवैध प्लाटिंग की भूमियों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने संबंधी निर्देश इस न्यायालय के माध्यम से जारी किया गया है। राजस्व अभिलेखों के परीक्षण से ज्ञात हुआ कि ग्राम मुंगेली मन-01 तथा मुंगेली भन-02 स्थित भूमि शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आता हैं, जिसके लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद मुंगेली को अधिकृत किया गया है। अतः उक्त संबंध में इस न्यायालय द्वारा पूर्व में ग्राम मुंगेली मन 01 तथा मुंगेली मन-02 की अवैध प्लाटिंग के क्रय-विक्रय के संबंध में जारी स्थगन आदेश निरस्त किया जाता है तथा शेष ग्राम में जारी स्थगन यथावत रखा जाता है। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भेजी गई।
उसके बाद एसडीएम ने ज्ञापन क्रमांक/2337/अ.वि.अ/रीडर -1/2023 दिनांक 18/04/2023 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगेली को ज्ञापन भेज कहा गया कि अनुविभाग मुंगेली अंतर्गत आम जनता के द्वारा लगातार अवैध प्लाटिंग के संबध में मौखिक तथा लिखित सूचना प्राप्त हो रही थी। जिसके संबंध में हल्का पटवारी के माध्यम से उनके हल्के संबंधित भूमियों में अवैध प्लाटिंग की जानकारी मँगायी गयी। उक्त संबंध में ग्राम मुंगेली मन-01 प.ह.न. 29 तथा ग्राम मुंगेली मन-02 प.ह.न. 59 के द्वारा अवैध प्लाटिंग की सूची दी गई।चूंकि ग्राम मुंगेली मन-01 तथा मुंगेली मन-02 शहरी क्षेत्र होने के कारण आपके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत जाता है। अतः अवैध प्लाटिंग के संबंध में आपकी ओर से आवश्यक कार्यवाही किया जाना आपेक्षित हैं।
अतएव हल्का पटवारीयों द्वारा प्रस्तुत अवैध प्लाटिंग से संबंधित प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाही हेतु आपकी ओर प्रेषित की जा रही है। उत्त संबंध में नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा आपके द्वारा की गई कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराना सुनिश्चित करें।
एसडीएम मुंगेली द्वारा जारी यह ज्ञापन, आदेश मुंगेली नगर पालिका द्वारा दिनांक 21/04/2023 को रिसीव किया गया।
इस दौरान दिनांक 17/04/2023 से दिनांक 29/04/2023 तक SDM द्वारा अवैध प्लाटिंग में रोक लगाए चिन्हांकित शहरीय क्षेत्र के खसरा नम्बरों में करीब दर्जनों रजिस्ट्रियां हुई हैं, ये खसरा नम्बर मुंगेली के राजनीतिक दखल रखने वाले भूमाफियाओं से भी संबंधित हैं।
अब प्रश्न यह उठता हैं कि मुंगेली एसडीएम द्वारा किसके आदेश से शहरीय क्षेत्र के 3 प्रमुख चिन्हांकित खसरा नम्बर के रजिस्ट्री के संबंध में पूर्व जारी आदेश पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी के क्षेत्राधिकार या अधिकृत होने की बात कहते हुए अवैध प्लाटिंग में क्रय-विक्रय के संबंध में जारी स्थगन आदेश को निरस्त किया गया ? और अगर एसडीएम ने मुख्य नगर पालिका को उक्त खसरे नम्बर में कार्यवाही करने कहा हैं तो सीएमओ ने इस मामले क्या कार्यवाही की हैं ? क्योंकि एसडीएम द्वारा जारी आदेश में चिन्हांकित अवैध प्लाटिंग खसरा नम्बरों में अब भी रजिस्ट्री जारी हैं जो अपने आप में कई संदेहों को जन्म देता हैं। जानकारी के मुताबिक ऐसे ही एक मामले में एक पूर्व रिटायर्ड एसडीएम पर कार्यवाही हो चुकी हैं।
जानकारों की माने तो एसडीएम मुंगेली द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही किया गया हैं किंतु नगरीय क्षेत्र के प्रकरणों में कार्यवाही करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखने के अतिरिक्त अन्य कोई प्रयास नहीं किया गया, क्योंकि उन अवैध प्लॉटिंग में रजिस्ट्री होना इस बात को दर्शाता हैं, एसडीएम यदि चाहती तो अपनी प्रशासनिक दक्षता का उपयोग कर अवैध प्लाटिंग में सहयोग करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही कर सकती थी, जिसके चलते अवैध प्लाटिंग पर रोक लग सकता था, नगरीय क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को प्रभावी कार्यवाही करने के लिए प्रशासनिक रूप से बाध्य करने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की मानी जाती हैं, अगर एसडीएम द्वारा ऐसा नहीं किया जाता हैं तो यह उनके प्रशासनिक चूक को दर्शाता हैं, क्योंकि एसडीएम ने नगरीय क्षेत्रों में जिन चिन्हांकित खसरा नम्बर के प्लॉटों पहले क्रय विक्रय पर रोक लगाया गया बाद में उस रोक को स्थगन करते हुए कार्यवाही करने हेतु मुख्य नगर पालिका को पत्र भेज दिया परंतु इसी बीच इन चिन्हांकित खसरा नम्बरों के अवैध प्लाटिंग में बेधड़क रजिस्ट्रियां होती रही, जिसके जिम्मेदार मुख्य नगर पालिका अधिकारी के साथ साथ एसडीएम भी हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठता हैं कि क्या कलेक्टर राहुल देव को इस पूरे मामले की जानकारी हैं अथवा नहीं ? हालांकि इस पूरे मामले की शिकायत अब मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव और संभागायुक्त से करने की पूरी तैयारी हैं। साथ ही अब इन खसरा नम्बर के जमीन खरीददारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग में प्लॉट तो बेच दिया जाता हैं जिसके बाद वहाँ प्लाट खरीदने वालों को मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, नाली सहित आदि आवश्यकताओं से वंचित रहना पड़ता है, बाद में यही शासन के द्वारा मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जिससे राज्य शासन पर करोड़ों का बोझ बढ़ता हैं जबकि इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही कॉलोनाइजर की होती हैं।
भाजपा और करनी सेना ने भी अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही व रोक के लिए दिया था ज्ञापन…
आपको बता दे भाजपा द्वारा दिनांक 26/04/2023 को कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था जिसमें कहा गया था कि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा मुंगेली नगर एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे अवैध प्लाटिंग का पंजीयन भारतीय जनता पार्टी के विरोध प्रदर्शन के पश्चात रोक लगाई गई थी, एवं कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था। इसके बावजूद बीते सप्ताह में नगर पालिका क्षेत्र में व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से पंजीयन में रोक हटा दी गई। अगर रोक हटाई गई तो ग्रामीण क्षेत्रों से क्यों नही हटाई गई। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा पूर्व में जो ज्ञापन दिया गया उसमें कार्यवाही करने कहा गया था। उसी प्रकार श्री राजपूत करनी सेना द्वारा भी कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा गया था कि मुंगेली नगर क्षेत्र के अंतर्गत कुछ भूमाफिओं द्वारा कृषि भूमि पर मिट्टी एवं मुरूम डालकर अवैध प्लाटिंग कर पिछले कई वर्षों से अवैध व्यापार किया जा रहा है, जिस पर ना ही टाउन एंड कंट्री प्लाटिंग के तहत परमिशन नहीं ली गई और ना ही रेरा में परमिशन लिया गया है। क्रेता द्वारा उक्त भूमि में मकान बना लिया जाता है, जिसके बाद वह सकड़, बिजली, नाली आदि आवश्यकताओं से वंचित रहता है। विक्रेता द्वारा क्रेता को जरूरत की आवश्यकताएं शासन द्वारा उपलब्ध कराने का झूठा आश्वासन दिया जाता है। अवैध प्लाटिंग शहर की सबसे बड़ी समस्या हो चुकी है एवं मूलभूत सुविधाएं न होने के चलते क्रेताओं को उक्त स्थानों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्ञापन में आगे बताया गया कि जिस-जिस खसरे पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अवैध प्लाटिंग के चलते रोक लगाया गया है, उस पर रोक हटाकर अगर पुनः पंजीयन की अनुमति दी जाती है तो श्री राजपूत करणी सेना के द्वारा प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जायेगा। करनी सेना के ज्ञापन के बाद भी अधिकारियों की मनमानी के चलते मुंगेली में अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री जारी हैं जिसके चलते भविष्य में उग्र आंदोलन हो सकता हैं।
मामले से जुड़े भूमाफियाओं द्वारा किसी न किसी माध्यम से मामले का खुलासा करने वालों व पत्रकारों को किसी भी झूठे मामलों में फंसाने की धमकी कई माध्यमों से दी जाती हैं, जिसकी जानकारी एवं सूचना पुलिस प्रशासन को पहले भी दी जा चुकी हैं।
4 दिनों में अवैध प्लाटिंग कैसे हुई वैध…SDM सहित कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध…?
जानिए अपने ही आदेश का कैसे तोड़ निकाल SDM ने भूमाफियाओं को पहुँचाया फायदा…भुपेश सरकार को करोड़ों की राजस्व क्षति…क्या कलेक्टर को नहीं हैं जानकारी…? हो सकती हैं बड़ी कार्यवाही…जमीन खरीददारों की बढ़ी मुश्किलें…रजिस्ट्री शून्य करने हो सकती हैं कानूनी कार्यवाही… ज्ञापनों के बावजूद अवैध प्लॉटिंग में कैसे हुई रजिस्ट्री…?
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