आयोग द्वारा अधिसूचना जारी करने से लेकर अंतिम चयन तक कम से कम 15 महीने का समय लगता है। इसके पूर्व अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी को सम्पूर्णता भी देनी होती है। तैयारी के इस लम्बे सफ़र में ऊर्जा, लगन, आत्मविश्वास को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है।
कैसे इस सफ़र को जोश, जूनून जज्बे के साथ सम्पूर्णता दें इस विषय पर चर्चा के लिए आज हमारे साथ हैं अनुभवी, अर्थव्यवस्था विषय में छात्रों की पहली पसंद, संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए.के. अरुण सर। आपको बता दें सर संस्कृति IAS Coaching की स्थापना के पूर्व दृष्टि IAS में में पढ़ा रहे थे।
प्रश्नों की श्रृंखला में सर से पूछा कि छात्र के लिए मोटीवेट रहना कितना महत्वपूर्ण है?
ए.के. अरुण सर ने अपने जबाव में कहा कि यह अभ्यर्थियों के जीवन का संक्रमण काल होता है, जहाँ से अभ्यर्थी एक अवस्था को छोड़कर रोजगार चयन की दूसरी अवस्था में प्रवेश कर रहे होते हैं। वे अपने साथियों एवं जानने वालों में इस बदलाव को भी देख रहे होते हैं। तैयारी की लम्बी प्रक्रिया में कई बार यह प्रेरणा तो कई बार तनाव का कारण बन जाता है। तैयारी के सफ़र में अभ्यर्थी के सामने आने वाली कुछ सामान्य समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
- तैयारी में समय ज्यादा लगना
- समय बढ़ने के साथ ऊर्जा में कमी आना
- सामाजिक संबंधों में बिखराव महसूस होना
- एकाग्रता भंग होने जैसी स्थिति
- संसाधनों का दबाव, आदि
संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर ए.के. अरुण सर ने अभ्यर्थियों को मोटीवेट रहने के टिप्स भी दिए-
सर ने कहा तैयारी के सफ़र में समस्याएँ आना तनाव होना सामान्य सी बात हैं। सिर्फ प्रश्न इस बात का है कि अभ्यर्थी उसका सामना कैसे कर रहा है। आत्म-प्रेरित (सेल्फ मोटीवेटेड) अभ्यर्थी में लक्ष्यों की तलाश, आगे बढ़ने की तत्परता और निरंतरता बनाए रखने का साहस होता है। अभ्यर्थी के मोटीवेटेड रहने के लिए सर के टिप्स निम्नलिखित हैं-
- तैयारी की शुरुआत सरल विषयों से करें।
- व्यवहारिक समय सारणी बनाएं।
- परीक्षा पास करने का आत्मविश्वास होना आवश्यक है।
- फिजिकल और मेंटल हेल्थ का रखें ख्याल।
- ध्यान रहे अध्ययन का दौर भी जीवन का हिस्सा है।
- मूल्यांकन करते रहें कि आप सफलता से कितनी दूरी पर हैं।
- महान व्यक्तित्वों एवं इस क्षेत्र में सफल व्यक्तिओं से प्रेरणा लें।
- स्वयं की सफल अधिकारी के रूप में कल्पना करें, जो आपको उत्साह देगा; आदि।
सेल्फ मोटिवेशन आ जाने के बाद छात्र को बाह्य मोटिवेशन की आवश्यकता नहीं रह जाती है। चूँकि सेल्फ मोटिवेशन में छात्र स्व-नियमित होने लगता है, जो अनुशासित रहने का सर्वोच्च तरीका है। परिणामस्वरुप छात्र में अध्ययन की उत्पादकता बढ़ जाती है। उक्त टिप्स को अपनी तैयारी में शामिल करें ऐसा विश्वास है की ये सफलता प्राप्ति में सहायक होंगे।