मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण का दिया गया प्रशिक्षण
कलेक्टर ने प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक के साथ सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी हेतु दिये निर्देश

सत्यानंद यादव

कोण्डागांव बस्तर के माटी 29 सितम्बर 2023/* आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण का प्रशिक्षण आज कलेक्टोरेट के प्रथम तल स्थित सभाकक्ष में दिया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक सोनी ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में अपनी आसान पहुंच के कारण मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेषकर प्रत्याशी निर्वाचन के दौरान जनता तक अपनी पहुंच के लिए प्रचार प्रसार माध्यम के तौर पर इसका अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिए सभी प्रत्याशियों को समान अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। इसी कड़ी में सभी प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक, सोशल मीडिया के साथ ही स्थानीय केबल टीवी, सिनेमा और अन्य जनसंचार माध्यमों पर भी कड़ी निगरानी रखी जायेगी।
कलेक्टर ने मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण का कार्य को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसे पूरी सतर्कता एवं गंभीरतापूर्वक करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखेगी। राजनीतिक दल एवं निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चौनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा। एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की मानिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेंगी।
मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में अभ्यर्थी को नोटिस प्रदान किया जाएगा। उनका सही समय पर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जायेगा। असंतोषजनक पाये जाने पर तथा जांच करने पर सही पाये जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहित घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियतापूर्वक कार्य करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी।
मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लाग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाईट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है। आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चौनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चौनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाये जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान मीडिया प्रमाणन के संबंध में सर्वाेच न्यायालय व निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रमाणन के आधार, समिति का अधिकार क्षेत्र, मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, टाईमलाईन, आवेदन, आवेदन पत्र प्रारूप व अनुलग्नक, विज्ञापन का प्रमाणीकरण, प्रमाणन ऑनलाईन, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई। इस दौरान समिति के सदस्यों एवं अधिकारी-कर्मचारियों के जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम प्रकाश शर्मा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सीमा ठाकुर, मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के नोडल अधिकारी मनोज केसरिया सहित प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक, सोशल मीडिया निगरानी के लिए तैनात अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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