रकम न स्कूल में उपयोग हुई, न ही सामग्री खरीदी गई
शाला प्रबंधन समिति को भी नहीं दी गई कोई जानकारी
राजु तोले
सुकमा बस्तर के माटी समाचार /जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला एर्राबोर के प्रभारी प्राचार्य पर विद्यालय के ढाई लाख रुपए हड़प लेने के संगीन आरोप लगे हैं। प्रभारी प्राचार्य द्वारा स्कूल फंड की राशि बैंक से निकाली तो गई, मगर उस राशि का उपयोग स्कूल पर नहीं किया गया और न ही उस राशि से कोई सामग्री खरीदी गई। शाला प्रबंधन समिति की जानकारी में लाए बगैर बैंक से रकम निकाली गई है।
सूत्रों के अनुसार सुकमा जिले के विकासखंड कोंटा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एर्राबोर के प्रभारी प्राचार्य के. रामा यशवंत राव द्वारा विद्यालय की शासकीय राशि लगभग 2 लाख 50 हजार रुपए विद्यालय के विभिन्न खातों से आहरित कर अपने स्वार्थ के लिए उपयोग किया गया है। पता चला है कि विद्यालय के विभिन्न कार्यों के लिए शासन से सीधे विद्यालय के खातों में भेजी गई रकम का गबन किया गया है। वर्ष 2022 में प्रभारी प्राचार्य का पदभार ग्रहण करने के पश्चात से के. रामा यशवंत द्वारा बैंक से निकाली गई रकम का न विद्यालय के हित में उपयोग किया गया है और न ही किसी प्रकार की सामग्री विद्यालय के लिए खरीदी गई है। किसी स्कूल के लिए क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन कराना आवश्यक होता है। एर्राबोर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने भी अगर बैंक से आहरित राशि से स्कूल के लिए कोई सामग्री खरीदी होती, तो उसका भौतिक सत्यापन कराया होता। प्रभारी प्राचार्य द्वारा 15 मार्च 2023 को 75 हजार 830 व रु. एवं 58 हजार 800 रू. बैंक आफ बाडौदा से निकाले गए। मार्च 25 मार्च 2023 को 33 हजार 900 रू. व 19 हजार 650 रु. प्रभारी प्राचार्य द्वारा आहरण किया गया है। इसी क्रम में 26 मार्च 2023 को 2500 रू. व नौ हजार रु. का प्रभारी प्राचार्य द्वारा आहरण किया गया है।सत्र 2022- 23 में प्रभारी प्राचार्य ने कुल राशि 1 लाख 99 हजार 680 रु. का आहरण कर विद्यालय के लिए किसी प्रकार की सामग्री भी नहीं ली गई है। बैंक खाते से राशि निकालने की जानकारी प्रभारी प्राचार्य ने शाला प्रबंधन समिति के समक्ष भी नहीं रखी है। न ही राशि आहरित करने के लिए प्रभारी प्राचार्य ने विद्यालय प्रबंधन समिति से किसी तरह की अनुमति ली है। यदि शाला के लिए आई राशि का उपयोग कहीं करना होता है, तो इसकी जानकारी विद्यालय प्रबंधन समिति के समक्ष रखना जरूरी होता है।समिति से अनुमति लेकर राशि को आहरण करने का प्रावधान है। प्रभारी प्राचार्य ने शिक्षा सत्र 2023 -24 में 28 नवंबर 2023 को 56 हजार रू., 2 दिसंबर 2023 को 5 हजार रुपए बैंक से निकालकर किसी प्रकार की सामग्री नही खरीदी और न ही स्कूल से संबंधित किसी कार्य में उसे खर्च किया। इस प्रकार उक्त प्रभारी प्राचार्य द्वारा 2 लाख 60 हजार 680 रुपए स्कूल के एकाउंट से निकाल लिए गए हैं। प्रभारी प्राचार्य द्वारा यह रकम किस मद में खर्च की गई है, यदि प्रभारी प्राचार्य द्वारा राशि से विद्यालय के उपयोग के लिए कोई सामग्री क्रय की गई है तो शासन स्तर पर उसका भौतिक सत्यापन क्यों नहीं कराया गया? यह जांच विषय है। यदि उक्त राशि को प्राचार्य द्वारा अपने स्वार्थ के लिए उपयोग किया गया है, तो प्राचार्य के खिलाफ गबन का प्रकरण दर्ज कराया जाना चाहिए।
जाति पर भी है विवाद
जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति बीजापुर के समक्ष यह मामला लंबित
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एर्राबोर के प्रभारी प्राचार्य के. रामा यशवंत की जाति का मामला भी विवादों से घिरा हुआ है। शासन से शिकायत की गई थी कि के. रामा यशवंत ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय नौकरी हासिल की है। इस शिकायत पर जांच चल रही है। जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति बीजापुर के समक्ष यह मामला लंबित है। जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति कई दफे के. रामा यशवंत को नोटिस भेजकर तलब कर चुकी है, मगर वे हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर समिति के समक्ष पेश होने से बचते आ रहे हैं। जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति के समक्ष पेश होने से बचने के लिए के. रामा यशवंत कभी जरुरी कार्य में व्यस्तता, तो कभी अस्वस्थता का हवाला देते हैं, मगर उसी दौरान वे अपने स्कूल में उपस्थिति जरूर दर्ज कराते नजर आते हैं।