प्राकृतिक आपदा बाढ़ से निपटने आपदा प्रबंधन समिति की हुई बैठक कलेक्टर ने आवश्यक तैयारी मानसून के पूर्व सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

राजू तोले

सुकमा बस्तर के माटी समाचार 07 जून 2024/ कलेक्टर हरिस.एस ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाढ़ आपदा प्रबंधन समिति की बैठक लेकर राजस्व, पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून में अतिवर्षा के कारण आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए अभी से सभी आवश्यक तैयारियां करें एवं बाढ़ से निपटने के लिए व्यवस्थित कार्ययोजना बनाएं।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में विकासखण्ड कोंटा शबरी नदी के किनारे बसे होने के कारण डुबान क्षेत्र में आता है। इसके अलावा गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण शबरी नदी के पानी से कोंटा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में आंशिक रूप से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है।उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि शबरी और गोदावरी नदी के जल स्तर का नियमित मॉनिटरिंग करेंऔर इसकी सूचना जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष को समय पर दी जाये ताकि बाढ़ से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए समय रहते तैयारी की जा सके। उन्होंने जिला खाद्य अधिकारी को बाढ़ प्रभावित और पहुंचविहीन क्षेत्र के ग्रामों में वर्षा से पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न का अग्रिम भंडारण सुनिश्चित करें साथ ही राशन कार्डधारियों को वितरित किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को उचित मूल्य दुकानों का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि जो गांव वर्षा ऋतु में पहुंचविहीन हो जाते हैं, वहां पर स्वास्थ्य केन्द्र और मितानिनों के पास जीवन रक्षक दवाएं पर्याप्त मात्रा में वर्षा शुरू होने से पहले ही उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। बैठक में अपर कलेक्टर गजेंद्र ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा,सयुंक्त कलेक्टर सूरज कश्यप सहित जिले में पदस्थ एसडीएम, तहसीलदार तथा जनपद पंचायतों के सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने अधिकारियों को जिले में तैराकों को पहले से चिन्हित करने के साथ ही नाव व लाइफ जैकेट,टार्च,रस्सा इत्यादि आवश्यक सामग्री की उलब्धता रखने के निर्देश दिए, ताकि अतिवृष्टि की स्थिति में यह सामग्री काम आ सके। उन्होंने वर्षाकाल के पहले ही से बोट को आवश्यक मरम्मत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में एसडीएम और तहसीलदार को अतिवर्षा की स्थिति में बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के ठहरने अस्थायी शिविरों हेतु स्कूल,पंचायत या सामुदायिक भवनों को भी पहले से चिन्हित किये जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वर्षामापक यंत्रों का समुचित संधारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय अमले पटवारी,पंचायत सचिव,रोजगार सहायक इत्यादि को चिन्हाकित कर आपात स्थिति में सहायता के लिए प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। वहीं सभी हैडपंप और कुआं में ब्लीचिंग पाउडर डालने के निर्देश दिए। साथ ही पानी टैंकर तथा चलित शौचालय की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिस्थित करने को कहा।

कलेक्टर ने सड़क किनारे एवं मुख्य बसाहटों में अवस्थित पेड़ों की आवश्यक छंटाई करने तथा विद्युत लाइनों का समुचित संधारण किये जाने के निर्देश दिए। शबरी नदी सहित नाले में अतिवर्षा होने पर चिन्हाकित खतरे वाले स्थानों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए। वहीं बिजली विभाग को रोस्टर वाइस ड्यूटी लगाने और नगरपालिका, नगर पंचायत अपने क्षेत्रों की सभी नालियों की बारिश से पूर्व अनिवार्य रूप से साफ-सफाई सुनिश्चित करने के साथ ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए आवश्यक पहल करने कहा। उन्होंने जिला स्तर और सभी तहसीलों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने, कंट्रोल रूम में दूरभाष क्रमांक एवं नियुक्त कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही अन्य स्थानों पर भी नाव, तैराक दल, आवश्यक दवाएं आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए।

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