अजीत यादव
पंडरिया बस्तर के माटी :- एक शिक्षक ऐसा है जो हाईस्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षा गारंटी योजना के गुरुजी नियुक्ति 1997 के बाद से रेगुलर हायर सेकण्डरी एवं एम ए परीक्षा पास कर लिया है, इतना ही नही इस दौरान समय समय पर विभाग से मिलाने वाली लाभ भी लेते रहा है, जिसमे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी कम नही कही जा सकती है। को शासन के तीन दिवस के अंदर जाँच रिपोर्ट सहित अपनी अभिमत देने के आदेश का अवहेलना कर रहे हैं।
पंडरिया विकासखंड के ग्राम परसटोला में पदस्त शिक्षक की कहानी है। शिक्षक की शिकायत पंचों ने प्रमाण सहित जिला कलेक्टर व उच्चाधिकारियों सहित मंत्री तक किये हैं। जिसके परिपालन में जांचकर तीन दिवस के अंदर जाँच रिपोर्ट सहित अभिमत ब्लाक शिक्षा अधिकारी को देने को कहा गया है। किन्तु लापरवाह अधिकारी अब तक जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत नही किया जाना जाँच की पुरी प्रक्रिया को सन्धिग्ध बना दिया है। शिकायतकर्ताओं ने 10वी 12वी एम.ए. की अंकसूची व शिक्षा गारंटी योजना में 30-7-1997 की नियुक्ति, 2003 में संविधा शिक्षक के रूप में पदोन्नति 2005 में शिक्षा कर्मी, 2018 में सहायक शिक्षक 2022 में प्रधानपाठक के पद पर पदोन्नति हुआ है, इस बात का उल्लेख किया है। 26 वर्ष में ये सभी परसटोला स्कूल के एक ही स्थान पर पदस्थ है। इसका सीधा मतलब निकलता है शिक्षक रसुकदार है। तभी तो विभाग डरा सहमा हुआ है, जाँच नही कर पा रहा है। यह कैसी विडम्बना है कि नियोक्ता समिति पदोन्नति के लाभ देने वाले विभागीय अधिकारीगण बिना दस्तावेज देखे बिना लाभ देते रहे हैं। मजे की बात ये है कि शिक्षक 1998 में हायर सेकण्डरी रेगुलर पास किया है, वहीं 2004 में एम.ए. परीक्षा पास किया। इधर नौकरी भी कर रहा था। सभी लाभ भी लिया है। शिकायतकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 420 के तहत कर्रवाई कर सेवा समाप्ति के साथ ही सरकारी राशि का जो लाभ लिया उसकी वसूली करने की मांग किये हैं।
बहरहाल अब देखना ये है की इस मामले में जिला कलेक्टर और जिला शिक्षाधिकारी इस तरह के संवेदनसील मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।
एक फर्जी शिक्षक 26 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ
, कबीरधाम जिले के इतिहास में यह पहली घटना।
ग्रामीणों व पंचों
ने किया प्रमाण सहित शिकायत, जाँच अधिकारी की भूमिका सन्धिग्ध।
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