घनश्याम यादव
बीजापुर बस्तर के माटी समाचार :- जिले के भोपालपटनम में बालक आश्रम गुन्लापेटा में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को भोजन पकाने ईंधन के नाम पर जंगल का दोहन किया जा रहा है । आश्रम अधीक्षक द्वारा अवैध रूप से इमारती लकड़ी की कटाई धड़ल्ले कर जंगल की सफाई करने में अपनी भूमिका बखूबी निभाया जा रहा है।
वन विभाग को गुन्लापेटा बालक आश्रम में लाए गए इमारती लकड़ी की भनक लगते ही आश्रम अधीक्षक द्वारा छुपाए जाने की सूचना सूत्रों द्वारा दी गई है।
जब वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी बफर से मोबाइल फोन पर बात करने पर उन्होंने कहा कि आश्रम अधीक्षक द्वारा जंगल से इमारती लकड़ी अवैध रूप से कटाई करवा कर गुन्लापेटा बालक आश्रम में लाए जाने की सूचना मिली थी जिसकी कार्यवाही की जा रही है। सरकार करोड़ों रुपए आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए खर्च करती है और कुछ आश्रमों में गैस भी उपलब्ध कराया गया है लेकिन भोपालपटनम के गुन्लापेटा बालक आश्रम अधीक्षक कहते हैं आदिवासी बच्चों को खाना खिलाने कहां से लकड़ी लाऊंगा। इसलिए जंगल से लकड़ी कटवाता हुं।
अब सवाल यह उठता है कि सरकार आदिवासी बच्चों पर इतना खर्च करती है तो मात्र ईंधन के लिए घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध क्यों नहीं करवाती।यदि करवाती है तो आखिर उन गैस सिलेंडर पर किसने कब्जा कर रखा है। हालांकि 2003 से आश्रम छात्रावासों में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की बात कही जाती रही है लेकिन आज तक गैस सिलेंडर के स्थान पर जंगल से अवैध रूप से इमारती लकड़ी की कटाई धड़ल्ले कर रायल्टी की भी चोरी आश्रम अधीक्षक द्वारा की जा रही है। लेकिन वन विभाग भी इस पर कोई कार्यवाही नही कर रही है।
ऐसा लगता है कि वन विभाग तो वनों की कटाई पर मौन धारण कर रखा है।अब देखना यह है कि जो एक तरफ जंगल का दोहन कर रहे हैं और सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं ऐसे अधीक्षक पर वन विभाग क्या कार्यवाही करती है आने वाला समय ही बताएगा।